अट्ठारहवें दिन की यात्रा दरचन से कैलाश परिक्रमा :05.08.2008

Photobucketकुगु ;फनहनद्ध से कीहू ;फनीनद्ध की दूरी मात्र 10 कि.मी. है जहां आज हमें जाकर रूकना है। प्रातः 6.00 बजे सोकर उठा, तैयार होकर चाय पिया। 7.00 बजे लगेज बस में लदवाया गया। सुबह 7.30 बजे हमारी यात्रा आगे के पड़ाव के लिए रवाना हुआ। मानसरोवर के किनारे-किनारे उबड़-खाबड़ कच्चे रास्ते में लगभग एक घंटा सफर करने के बाद हमारी बस रूकी। मानसरोवर के पूरी परिक्रमा के दौरान हमारे सफर में दाहिने तरफ समुद्र जैसे विशाल विस्तृत मानसरोवर की अथाह जल राशि एवं बाए तरफ हिमालय के पर्वत श्रृंखलाएं मिली। जहां पर बस रूकी वहां से 10 कदम की दूरी पर ही मानसरोवर के जल में कुछ यात्री स्नान किये, कुछ यात्री मानसरोवर का जल लिए, मैं भी जल एक और दूसरे बाटल में भरा कुछ यात्री मानसरोवर के जल एवं किनारे से पत्थर चुनना (एकत्र) किये। बायी तरफ के पहाड़ी के ऊपर स्थित गोम्फा में कुछ यात्री दर्शन हेतु गए। लगभग एक घंटा यहां पर रूकने के पश्चात पुनः हम सभी यात्री बस से आगे रवाना हुए। 10.30 बजे हम लोग ‘‘कीहू‘‘ पहुंच गए। बस से अपना-अपना सामान लेकर यात्रियों के लिए बने गेस्ट हाऊस के कमरों में यात्रीगण प्रवेश किए। एक कमरे मंे मैं, राजनारायण, जुनेजा जी एवं रामशरण जी रूके। इसी प्रकार हम लोग एक साथ ‘‘कुगु‘‘ में भी रूके थे। गेस्ट हाऊस में एक लाइन से कमरे बने हुए है, सभी कमरों में चार-चार लकड़ी के तखत व बिस्तर लगे हुए है। इसी में से एक कमरे में किचन है जिसमें महिला सहयात्रियों द्वारा दोपहर भोजन की तैयारी की जा रही है । कमरों के साथ टायलेट बाथ की सुविधा नहीं है गेस्ट हाऊस से कुछ दूरी पर ही मिट्टी से घेरकर कच्चा टायलेट बिना छत के बनाया गया है। आज दोपहर के भोजन में खिचड़ी बना है। सलाद के साथ खिचड़ी खाकर विश्राम किया। कुछ यात्री नजदीक के पहाड़ी के ऊपर बने गोम्फा में दर्शन हेतु गए।

शाम को 4.00 बजे चाय पीकर कुछ यात्रियों के साथ जाकर मानसरोवर के किनारे ही बने पुराना यात्री निवास देखे। थोड़ी दूर मानसरोवर के किनारे-किनारे पैदल जाकर पहाड़ी में बने गुफा एवं शिवलिंग का दर्शन किए। कुछ और शाम होने पर मौसम में बदलाव हुआ इसलिए जल्दी वापस गेस्ट हाऊस आ गए। कुछ बुंदाबांदी भी हुई। यात्रियों के द्वारा कमरे में बैठकर श्री ईश्वर भट्ट (मंगलोर) से अपने-अपने द्वारा मानसरोवर से एकत्र किए गए पत्थरों की परख करवाते जा रहे थे।

दिनांक 29.07.08 को तकला कोट से यात्रा प्रारंभ कर गु्रप ‘‘बी‘‘ के यात्रीगण को यहां छोड़कर इसी स्थान ‘‘कीहू‘‘ से हमारा ग्रुप ‘‘ए‘‘ दरचन के लिए आगे बढ़ गया था एवं दिनांक 30.07.08 को दरचन से कैलाश परिक्रमा हेतु रवाना होकर तथा ‘‘कैलाश परिक्रमा पूर्ण‘‘ कर पुनः 01.08.08 को दरचन आकर रूके, फिर दूसरे दिन 02.08.08 को दरचन से मानसरोवर परिक्रमा हेतु रवाना होकर तथा ‘‘मानसरोवर परिक्रमा पूर्ण कर‘‘ एवं उसमें स्नान कर आज दिनांक 05.08.08 को ‘‘कीहू‘‘ पहुंचे है। अर्थात 29.07.08 से 05.08.08 के (आठ दिन) अवधि में ‘‘कैलाश एवं मानसरोवर‘‘ के दर्शन, परिक्रमा एवं ‘‘स्नान‘‘ पूर्ण कर कीहू में रूके है। हमारी यह यात्रा निर्विघ्न सम्पन्न होने एवं सभी यात्रीगण स्वस्थ है, इसलिए आज रात भोजन में खीर एवं पुड़ी खाए यद्यपि भोजन अच्छे ढंग से तैयार किया गया है, तथापि आज का भोजन सभी को उत्तम एवं सुस्वादु लगा। प्रकाश व्यवस्था जनरेटर से किया गया है, 9.30 बजे तक ही उक्त व्यवस्था रहेगा बाहर हवा भी ठण्डी चल रही है। अतः सभी यात्री अपने-अपने कमरे में जाकर सो गए।


क्रमश: .....

डी.पी.तिवारी
रायपुर

1 comment:

  1. रोमांचक यात्रा! कृपया कुछ चित्र और दें।

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